इक जिन्न औरत मेरी सासू मां
तो करते है start
हैलो दोस्तो कैसे हैै आप उम्मीद है के आप अच्छे ही होंगे
क्या जिन्न जिन्नात किसी को पल भर में अमीर बना देता जी हा जिन्न जिन्नात के पास खास सकती होती है जिस से किसी गरीब परेशान बक्ती पर रहेम करता है तो पल भर में खाक पति से करोड़ पति बना देता
मुंबई में किसी काम से मेरा जाना हुआ वहा एक बिजनेसमैन से मेरी बात हूई
बात ही बात में मै उनसे कहा कि हर कमियाबी के पीछे किसी औरत का हाथ होता आप की कामयाबी के पीछे किसका हाथ है
वो बोला मेरी कमियाबी के पीछे भी औरत का ही हाथ है और वो औरत मेरी बीवी है और ये एक लम्बी वाक्या है
जंगल में वो लड़की कौन थी
मैंने बहुत रिक्वेस्ट किया तो फिर मुझे बताने लगा
दरसअल मेरा नाम यासिर है मै कश्मीर का रहने वाला हू मै एक Forrest officer था मेरी डिप्टी जंगल थी मेरे साथ एक
और officer था उसका नाम सलीम है मेरी आदत थी जंगल में दिन भर में दो बार मै जंगल का चक्कर लगाता था एक शुबह एक शाम के समय में आज भी सलीम के साथ मै जंगल में निकाल गया आगे एक झोंपड़ी दिखी मै सलीम से पूछने लगा ये झोपड़ी कैसी है सलीम बोला इस झोपड़ी में एक यतीम लड़की
रहती है जो लोगो के तने और जुल्म की शिकार हुई है मेरा कभी ईधर आना होता है तो इस के लिए कुछ खाने का ली आता हू यासिर शाहब ने बोला पुलिस में कम्पलेन नही किया सलीम बोला पुलिस वाले भी इस लड़की की कम्पलेन नही लेता बल्के पुलिस भी इस से डरता है
झोपड़ी के पास जा कर जोर से आवाज लगाए तो लड़की बाहर निकली उसने यासिर शाहब को वर्दी में देखी तो ढर गई थी तो बहुत खुबसूरत पर जंगल की दुल मिट्टी से रंग बदल गया था उस अपने साथ लिया और चल दिया उस देख कर लोगो ने तो तरह तरह की बाते बोलने लगा पर यासिर साहब पर हर बात बे अशर था उस का क्वाटर बहुत बड़ा था जो के उस लड़की के रहने के लिए कोई दुसवारी नहीं होआ यासिर साहब ने उस लड़की से कहा तुम नहा लो अपने कुछ कपड़े दिए और कहा तुम जब कत इस कपड़े पहनलो सलीम से कहा बाज़ार से कुछ जनाना कपड़े ली आओ जब तक मै खाने का बन्दवास्त करता हू खाना मेज पे लगा कर बैठे होए थे वो लड़की नहा कर निकली तो यासिर शाहब पहचान नहीं पाए इतनी खूबसूरत थी कि देखते रहगाए
वो भी अगकर बैठ गई भिर यासिर शाहब ने बोला क्या होआ है तुम्हारे साथ वो लड़की गीली आंखो से बोली मेरा नाम जैतून है मेरे मा बाप मेरे बचपन में ही दुनिया को छोड़ कर चले गए गांव में एक घर में काम करने लगी अपना पेट भरने के लिए जैसे तैसे गुजर होता था जवानी की दहलीज पे कदम रखी फिर एक आदमी अपने हवस का शिकार बनाना चाहा उस से किसी तरह से जान बचाकर भागी वो आदमी जुझपे बदचलन दाएन जादूगरनी का इल्ज़ाम लगादिया गांवो के पंचायत ने मुझे गांव से बाहर निकाल दिया तब से मै जंगल में रहती थी गांव के कुछ अच्छे लोग खाना दे जाते थे जिसे मै खालेती थी
जैतून अब यासिर शाहब को अच्छी लगने लगी कुछ दिन के बाद उससे शादी कर लिया बहुत ही खुशी से रहने लगे
कारनामे
तरक्की
जैतून के बार बार कहने पर मै वक़्त से पहले रिटायरमेंट ले ली और अपने गांव कश्मीर या गया अपना कारोबार करने लगें मै दो बच्चे का बाप भी बन गया था एक रोज मै माल का डिल कर रहा था कि जैतून पास आगई पूछने लगी क्या कर रहे है मै उसे अपने डीलिंग की सारी बात बताई तो मुझे बोली उस जहाज से माल मत मनवाइए मेरा दिल बहुत घबरा रहा है मैंने सिगमेंट की तारिक 20 दिन बाद की दी कुछ रोज बाद मालूम चला जिस जहाज से मेरा माल आने वाला था वो जहाज समुंदर मै डूब गया मै सूक्र अदा किया कि मेरा माल बच गया इस लिए कुछ रोज के बाद बच्चे भी बड़ा हो गया था बेटे की शादी भी कर दी और एक चन्द सी बहू भी मेरा घर गई थी जिस से जैतून एक रोज बहू किचन में खाना बना रही थी के जैतून बहुको आवाज लगाई और एकदम में जैतून के पास बहू पहुंच गई और इतने में स्टोप फट गई
जिन्नात के साथ रोमांचक मुकाबला
जैतून की हकीकत
रिक्वेस्ट
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